करोना ये क्या किया

सुनो करोना ये क्या किया
धरा को हरा भरा किया
प्रकृति को साफ़ किया
पर इंसानों की बस्ती में
क्यों? है सब कुछ रुका रुका।।
करोना तुमने ये क्या किया।।

रंग-बिरंगे, छोटे और बड़े
महलों से सड़कों तक
किसी में ना कोई भेद किया
मुँह बाँधकर सब को
एक क्यू में  खड़ा किया।।
करोना तुमने ये क्या किया।।

मुँह पर मास्क लगाये
बहादुरी वाले, सेवा वाले
हिम्मत वाले, सुरक्षा वाले
डर के मारे, जबर्दस्ती वाले
सबके मुँह को बाँध दिया।।
करोना तुमने ये क्या किया।।

नीले, काले, हरे, पीले
मैचींग और डिजाइन वाले
सस्ते  और शाही वाले
घर पर बने और फ्री वाले
कुछ नहीं तो गमछा लपेट लिया।।
सुनो करोना तुमने ये क्या किया।।

दो गज दूरी, बहुत जरूरी
मंत्र ये सबने सिखा
करके घरों में बंद
लोगों की जान ली
बहुतों को बिमार किया।।
करोना तुमने क्या नहीं किया।।

 हम परिस्थितियों से प्रभावित नहीं होंगे ये नामुमकि है। मैंन  करोना के बारे में  कुछ शब्द लिखे हैं,  येे सब  ना केे बराबर  है । इसमें  ये बात साफ है कि
 मैं भी डरी हुई हूँ और चिंतित भी हूँ कि ये सब कब खत्म होगा, आगे क्या होगा, जब  ये सब खत्म हो जायेंगा, तो हम सब किस ओर चलेंगे। क्या? सब कुछ पहले जैसा होगा शायद नहीं । बहुत कुछ बदल जायेंगा, लेकिन बहुत कुछ याद रखा जाएगा। अभी सबसे ज्यादा इस बात की चिंता है कि ये कब खत्म होगा  क्यों कि चालीस दिन के लाॅगडाउन में भी ये वायरस फैलता जा रहा है। लोग इसके  चपेटे में आ रहें हैं  लोगों को और  भी कई मुश्किलों का सामना करना पढ़ रहा है ।  सब कुछ बंद है, सरकारें अपनी तरफ से  हर संभव कोशिश कर रहीं है। मैं भी  ऊपर  वाले से प्रार्थना करती हूँ कि ये सब तीन मई के बाद  एक बुरे सपने की तरह खत्म हो जाय, और मेरे पास  करोना के बारे में लिखने के लिए कुछ भी ना हो।। 😷

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