संदेश

अगस्त, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जय गणपति जय जय गणनायक!

चित्र
               रिद्धि सिद्धि बुद्धि दाता, गौरी पुत्र गणेश                बार-बार प्रणाम करूँ, हे प्रथम पूज्य नरेश।।                       (1) जय गणपति, जय जय गणनायक। आओ पधारो मेरे विघ्न विनायक।। ब्रह्मा भी आए, विष्णु भी आए, सरस्वती संग आए मेरे बुद्धि दायक।। शिवजी भी आए, नन्दी भी आए, पार्वती मैया जगाए लल्ला शुभदायक।। रामा भी आए, कृष्णा भी आए, लक्ष्मी संग विराजे मेरे सिद्धिविनायक।। साधु भी आए, संतन भी आए, भक्तों के संग आए मेरे विश्वविनायक।। "ये भजन राजस्थानी भक्ति गीत से प्रेरित होकर लिखा है।,,                     (2) जय गणपति, जय जय गणनायक। आओ पधारो मेरे विघ्न विनायक।। गंगा जल लाए, फूल भी लाए, सुंदर सिंहासन विराजे मेरे शुभदायक।। तुमको ध्याएँ, देव मनाएँ, हे सुन्दर पीताम्बर, शिव-गौरी के बालक।। छोटे से बालक, मन भाए मोदक, लड्डू का भोग लगाए मेरे जगपालक।।  काज हमारे, तुम्हीं संवारे,  मूषक सवारी कर आए मेरे गणनायक।।