राजनीति! इस खेल में किसी भी बात की कोई भी सीमा कहाँ होती है, यहाँ तो बस पासे पे पासे फैंके जाते हैं, ना ही जीत का ना ही हार का कोई मतलब रहता है। यहाँ जो अंत तक बेहतर खेलेगा; वहीं विजेता कहलायेगा, और वही सही साबित होगा।
आलस-- जीवन का सबसे बड़ा अभिशाप, खत्म कर दे जो भूत, भविष्य और वर्तमान, पूर्वजों की समृद्धि-स्वाभिमान। तुम्हारे अन्दर पल रहे महात्मा गांधी, गौतम बुद्ध, महावीर, कृष्णा जैसी सम्भावना, तुम्हारी ईच्छाएँ , सपने, कर्म,भाव, एक अकल्पनीय बुद्धि ऊर्जावान। प्रेम से भरा मन और शक्तिशाली तन एक शानदार व्यक्तित्व, खत्म कर दे जो सारा अभिमान। आलस ! जीवन बना दे श्मशान ( जहाँ सिर्फ राख ही राख है)।।
कर्म ही सत्य है! सच्चाई की धारा निर्मल है स्वच्छ है कोमल है सुगंधित है, जो निरंतर प्रवाहित है। सत्य तो आनन्दित है।। कर्म ही धर्म कर्म जीवन है, लक्ष्य तो मील का पत्थर है। मन का हो या नियति का जन्म-मृत्यु का सफर है। ब्रह्माण्ड का सत्य भी कर्म से ही प्रभावित है, सत्य तो आनन्दित है।।