मेरे अल्फ़ाज़

 मैं मीरा देवी (देवी)
       कठिन होता है खुद को पहचानना खुद की तलाश करना,खुद से मिलना, खुद से लड़ना,
      
जीवन की महानता खुद अपना मालिक बनने में है।
    
 सबसे कठिन है अपने आप को पहचानना, हमें  अपने आप को पहचानने, अपने सामर्थ्य को जानना, अपनी क्षमताओं को आंकने और अपनी  सीमायें तक पहुंचने की अपनी  काब्लियत को जानने, ढूंढने और परखने की जरूरत है ।
    अपनी संस्कृति और सभ्यता को समझने तथा  हजारों वर्षो से चली आ रही और अन्नत काल तक चलने वाली भारत भूमि के हर रूप हर रंग, यहाँ की '' अनेकता में एकता ''  के रहस्य और चमत्कार से जुड़ने और समझने के सफर पर हुँ,  
    
जिन्दगी के कुछ बाकी पल जीने, कुछ अनुभव करने तो कुछ सबक सिखने के सफर पर हुँ।
  
    यहाँ सब के अपने कुछ कायदे-कानून है जिन्दगी, दिल, दिमाग और किस्मत के उन सुलझे और अनसुलझे पहलूओं को समझने के सफर पर हुँ।
    #जिंन्दगी के अपने ही नखरे है अपना कानून और अपने नियम है, यहाँ हम सिर्फ दलील कर सकते हैं फैसला लेने का हक सिर्फ जिन्दगी को है, यहाँ पहले से ही सब कुछ तय होता है। हम तो खिलौने होते है इसके, फिर भी... जिन्दगी को चुनौती देते हमारे ख्वाब जो ... 'कुछ इस तरह रंग - बिरंगी अरमानों के पंखों से उड़ते-उड़ते खुशियों की छांव में सपने सजते-संवरते ख्वाहिशों' जो आँख दिखाती है! उन सपनों को सच करने कि कोशिश के अनुभव को कागज पर उतारने के सफर हुँ!
    
     #किस्मत की तो अपनी ही कहानी है यहाँ भी सारे नियम-कायदे धरे के धरे रह जाते है। अगले ही पल में क्या रखा है क्या छूट जायेगा ये कहना नामुमकिन है। 'किस्मत के कुछ ऐसे सरप्राइज, जो प्रजंट में है या अनप्रजंट में है ये समझना भी मुश्किल हो जाता है' किस्मत की  इस आँख मिचोली के खेल को स्वीकार करने के सिवा दूसरा कोई रास्ता नहीं होता है , कुछ नया मिलने का तो कुछ पुरानी चीजों का छूट जाने का सफर है,  
   
     #दिल की तो क्या कहें, वो तो सातवें आसमान पर है जिसके कानों में जूं तक नहीं जाती,ना समझना है ना किसी की सुनता है!  बस जिद्द पे रहता है कुछ भी कर लो उसे तो अपनी ही करनी है, दिल की  उन नादानियों को , थोड़ी खुशी, थोड़ी मायूसी के पलों को , कभी मिलना कभी बिछड़ने के जज्बातों को पिरोया है अल्फाजों में, "दिल का तो सरोकार है यादों से, यादें जो कुछ खिड़की में टंगे है तो कुछ तिजोरी में छुपाये इन यादों के सफर पर हुँ!"
 
   #दिमाग  ऐसा लगता कि अभी सबकुछ ठीक कर देगा, हर परिस्थिति का हल निकालने में महारथ हासिल है  इंसान को साहसी और मजबूत बनाकर डटे रहने की प्रेरणा देता है, कोई कहे इसे कि ''गणित नहीं है जिन्दगी जिसके हर सुत्र का एक स्पष्ट एवं सिद्ध उत्तर हो।" दिमाग के दांव-पेंच, फार्मूला और उसकी योजनाओं के गणित का सफर है। इन सबसे बनी जिन्दगी और जिन्दगी के इन रंगों को समझने के सफर हुँ।।
 
   '' मैं अपनी विपरीत परिस्थितियों में भी खुद का संयम नहीं खोया करती''

  '' हमारी आत्मा का प्रकाश, हमारा विवेक सूर्य की भाँति कलपुता के अँधेरे को चीरकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है, ''
   
''क्या करें और कितना करें! आपको किस चीज को कितना करना चाहिए, कितना शरीर, कितनी बुद्धि,कितनी भावना, कितनी जागरूकता, आपको अपने जीवन में तय करना चाहिए कि कौन सी चीजें सबसे अहम होगी।आप उसी हिसाब से अपना जीवन चलाईये, अगर कोई बात आपको पसंद नहीं हैं तो ना देखें ।।"   ''सद्गूरू''

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